भारत के मुगल साम्राज्य का इतिहास - History of Mughal Empire India
भारत का इतिहास: मुग़ल साम्राज्य
मुग़ल साम्राज्य :
भारत में मुग़ल वंश की स्थापना :
- भारत में मुग़ल वंश का संस्थापक " जहीरुद्दीन मुहमद बाबर " था। पितृ पक्ष की ओर से तैमूर का पांचवा (5) वंशज व् मातृ पक्ष ओर से चगेंज खान का 14 वां वंशज था।
- बाबर ने सन 1504 में काबुल (अफगानिस्तान ) विजय उपलक्ष पर अपनी पारवारिक उपाधि " मिर्जा " का त्याग व् पादशाह (बादशाह ) उपाधि धारण की।
बाबर ने न्योता स्वीकार :
- काबुल के बादशाह - बाबर को भारत पर आक्रमण करने का न्योता इब्राहिम लोदी के पंजाब के गवर्नर दौलतखां व् लोदी के पुत्र दिलावर खान लोदी बाबर के पास गया था।
- पहला आक्रमण - 1519 ई. बाजोर व् भेरा
" भारत में तोप - खाने का उपयोग सर्वप्रथम बाबर ने पानीपत के युद्ध में किया। "
" भारत में पहली बार पहिए लगी हुई तोप का प्रयोग "खानवा का युद्ध " में किया गया।"
बाबर ने भारत पर 5 चरणों में आक्रमण किया :-
1. भारत में पहली बार तोपों उपयोग बाजोर व् भेरा में बाबर के द्वारा गया।
2. अगले चरणों में पेशावर , स्यालकोट व् सम्पूर्ण पंजाब जीत लिया।
3. निर्णायक युद्ध - " पानीपत का प्रथम युद्ध 21 April 1526 को बाबर व् इब्राहिम लोदी की सेना "के बीच लड़ा गया।
4 . "बाबर ने तुलुगुमा युद्ध प्रणाली का भारत में पहली बार प्रयोग किया " व् स्तर तोप खाने का प्रयोग भी पहली बार बाबर द्वारा किया गया।
5. इस युद्ध में इब्राहिम लोदी मारा गया व् भारत में लोदियो की सत्ता समाप्त हुई। ओर मुग़ल वंश स्थापित हुआ।बाबर ने इस युद्ध में जीतकर पानीपत में "काबुली बाग़ मस्जिद" का निर्माण करवाया व् काबुल की जनता में प्रत्येक को 1-1 चांदी के सिक्के बांटे।
बाबर द्वारा लड़े गए युद्ध :
- (1) 1526 - पानीपत का प्रथम युद्ध : बाबर व् इब्राहिम लोदी।
- (2) 1527 - खानवा का युद्ध : बाबर व् महाराणा सांगा ।
- (3) 1528 - चन्देरी का युद्ध : बाबर व् मेदनी राय ।
- (4) 1529 - घागरा का युद्ध : बाबर व् नुसरत खां लोदी।
- (5) 26 Dec. 1530 बाबर की मृत्यु हो गई।
1. खानवा का युद्ध (1526):
- खानवा का युद्ध 14 March 1527 को बाबर व् महाराणा सांगा के बीच लड़ा गया । मेवाड़ के महाराणा सांगा व् बाबर के मध्य 1526 में बयाना में झड़प हुई जिसमे बाबर को पीछे हटाना पड़ा।
- इस युद्ध में महाराणा सांगा घायल हो गए गए बाबर विजयी रहा व् बाबर इस युद्ध में "जेहाद" ( धर्म युद्ध - रक्षा के लिए ) का नारा दिया था तथा युद्ध में जितने के पश्चात "गाजी " की उपाधि धारण की थी।
2 . चंद्री का युद्ध (1528) :
- चन्देरी का युद्ध सन 1528 बाबर व् मेदनी राय बीच लड़ा गया। इस युद्ध में बाबर ने धर्मान्धता का परिचय दिया ओर राजपूत सेनिको के सिर काटकर मीनारे बनवाई। इस युद्ध में मेदनी राय मारा गया।
3. घाघरा का युद्ध (1529) :
- घागरा का युद्ध 1529 में बाबर व् नुसरतखां लोदी के मध्य लड़ा गया। यह युद्ध मुग़ल काल में जल पर लड़ा गया एकमात्र था। यह बाबर के जीवन का अंतिम युद्ध था।
बाबर से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य :
1. बाबर के सेनापति "मीर बाकि " ने "अयोध्या " में बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया था।
2. बाबर ने तुर्की भाषा अपनी आत्मकथा - "तुजुक ए बाबरी " लिखी गई।
3. बाबर बाग़ बगीचों के शौकीन था तथा भारत में 4 बाग़ शैली लाने वाला भी बाबर ही था।
4. बाबर की मृत्यु 26 DEC. 1530 को आगरा के आराम बाग़ हुई तथा इसे एक बार यही दफनाया गया तथा वसीयत के अनुसार पुन : " काबुल " में दफनाया गया।
5. भारत में बाबर के द्वारा लिखने की नई शैली " मुबईयान शैली " लाई गयी थी।
साम्राज्य / वंश का नाम : - | मुगल वंश |
शासन काल :- | सन 1526-1857 |
प्रमुख सत्ताकेंद्र स्थान | दिल्ली, औरंगाबाद, आगरा |
मुग़ल वंश के शासक : - | बाबर, हुमायूँ, अकबर, जहाँगीर, शाहजहां, औरंगजेब |
मुग़लो द्वारा बनाई गई प्रमुख इमारतें : - | ताजमहाल, लाल किला, जामा मस्जिद, बीबी का मकबरा, लाहोर मस्जिद, मोती मस्जिद, तक्ख्त-ए- ताउस आदि। |
प्रथम शासक : - | बाबर |
अंतिम शासक : - | बहादूर शाह जफर |
साम्राज्य का कुल शासनकाल : - | लगभग 331 साल |
मुग़ल वंश के शासको के नाम व् शासनकाल :
1. हुमांयू (1530-1540, 1555-1556) :
- हुमांयू मुग़ल वंश का दूसरा शासक था। 23 साल की आयु में, मुग़ल सम्राट हुमायूं ने मुग़ल सिंहासन पर आसीन हो गए थे। हुमायूं और शेरशाह सूरी के बीच हुई कन्नौज और चौसा की लड़ाई में, शेरशाह ने हुमायूं को हराया, जिससे हुमायूं भारत छोड़कर चला गया। फिर, 1555 में हुमायूं ने दिल्ली का सिकंदर को पराजित कर राजगद्दी पर कब्जा किया।
- उसने एक अनोखा नियम बनाया था जिसके अनुसार, हफ्ते में सात दिनों तक वह सात विभिन्न रंगों के कपड़े पहनते रहते थे। इससे समझा जा सकता है कि वह अपनी राजनीतिक और सामाजिक विचारधारा को अपने व्यक्तिगत शैली के माध्यम से दर्शाना चाहते थे।
- यह समझना महत्वपूर्ण है कि हुमायूं के समय में मुग़ल साम्राज्य बहुत बड़ा और प्रभावशाली था, और उनकी राजनीतिक रणनीतियाँ उस समय के भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक हैं।
2. अकबर (1556-1605) :
- हुमायूं की मृत्यु के बाद, उनके पुत्र अकबर ने मुग़ल राजगद्दी संभाली थी। सिर्फ 14 साल की आयु में, उसे मुग़ल सम्राट बना दिया गया था और उनके पिता के मंत्री बैरम खां ने उनका संरक्षण किया। अकबर को मुग़ल सम्राटों में सबसे सफल माना जाता है। उनके शासनकाल में मुग़ल सम्राज्य की एक नई शुरुआत हुई।
- हल्दीघाटी के युद्ध में, अकबर और महाराणा प्रताप के बीच कड़ी टक्कर हुई थी। युद्ध में अकबर को महाराणा प्रताप ने हराया, लेकिन अपनों की गद्दारी के कारण महाराणा प्रताप ने युद्ध हार लिया। इस समय मुग़ल साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्धीप के कई हिस्सों पर अपना कब्जा किया।
- अकबर ने पंजाब, दिल्ली, आगरा, राजपूताना, गुजरात, बंगाल, काबुल, और कंधार में अपना साम्राज्य स्थापित किया। उनके शासनकाल में आगरा किला, बुलंद दरवाज़ा, फतेहपुर सीकरी, हुमायूं मकबरा, इलाहाबाद किला, लाहौर किला, और सिकंदरा में उनका मकबरा समेत कई शानदार भव्य कार्यकला कृतियाँ बनाई गईं।
- अकबर ने "दीन ए इलाही" नामक एक नया धर्म शुरू किया, जो धार्मिक सामंजस्य, सहानुभूति, और विभिन्न धर्मों के अधीन रहने की बातें समाहित करता था। इससे सिद्ध होता है कि अकबर ने एक उदार और समझदार साम्राज्य की नींव रखी, जो भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण दरबार बना दी।
3. जहांगीर (1605-1627) :
- अकबर की मौत के बाद, उनके बेटे सलीम ने (जहांगीर के नाम से मशहूर) मुग़ल साम्राज्य की कड़ी संभाली। जहांगीर के शासनकाल में, मुग़ल साम्राज्य का क्षेत्रफल बड़ा और कांगड़ा के अलावा बंगाल तक फैला, लेकिन उनकी शासनकाल में कोई बड़ी लड़ाई और उपलब्धि नहीं हुई।
- जब जहांगीर ने सिंहासन स्वीकार किया, तो उनके पुत्र खुसरो ने सत्ता प्राप्त करने की इच्छा में उनके खिलाफ साजिश रची और आक्रमण किया। इसके परिणामस्वरूप, जहांगीर और उनके पुत्र के बीच एक भयंकर युद्ध हुआ।
- उस समय, इस युद्ध में सिखों के 5वें गुरु अर्जुन देव जी ने खुसरों की मदद की और जहांगीर ने उनकी हत्या करवा दी। यह घटना इस युद्ध की एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसने सिख समुदाय के साथ जुड़े रहे।
- जहांगीर का शासनकाल एक सामरिक दृष्टिकोण से कम उदार था, लेकिन वह साहित्य, कला, और साम्राज्यिक विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस पीरियड में मुग़ल साम्राज्य में कई महत्वपूर्ण विकास हुए, जिनमें कला और साहित्य की विकास की श्रेष्ठता शामिल हैं।
4. शाहजहां (1627-1658) :
- शाहजहां, मुग़ल साम्राज्य के सातवें बादशाह थे, और उन्हें दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल के निर्माण के लिए याद किया जाता है।
- उन्होंने अपनी प्रिय बेगम मुमताज़ की याद में इस शानदार इमारत का निर्माण करवाया था। शाहजहां मुग़ल साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध बादशाह थे, जिन्हें उनकी विदेश नीति के लिए भी पड़ोसी राज्यों के लोग सर्वश्रेष्ठ मानते थे।
- उन्होंने अपने शासनकाल में मुग़ल कला और संस्कृति को प्रोत्साहित किया और ताजमहल के साथ अनेक अन्य सुंदर भव्य भवनों का निर्माण करवाया।इसलिए, शाहजहां के युग को स्थापत्यकला का स्वर्णिम युग और भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल के रूप में जाना जाता है।
- लेकिन उनके जीवन के अंतिम दिनों में, उनके क्रूर पुत्र औरंगज़ेब ने उन्हें आगरा किले में बंदी बना लिया। इस दुखद घटना ने शाहजहां के शासनकाल को एक दुखद अंत दिया, जो उनके प्रशासन और सांस्कृतिक योगदान के बावजूद उनके जीवन को अवसानित करते हैं।
5. औरंगज़ेब (1658-1707) :
- औरंगज़ेब, मुग़ल इतिहास में सबसे प्रसिद्ध नामों में से एक है। उन्होंने अपने पिता शाहजहां को कई सालों तक बंदी बनाने के बाद मुग़ल सिंहासन की राजगद्दी पर बैठा। औरंगज़ेब एकमात्र ऐसे मुग़ल साम्राज्य के शासक थे जिन्होंने 49 वर्षों तक भारत पर राज किया।
- उन्होंने अपने शासनकाल में भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश क्षेत्रों में अपने साम्राज्य का विस्तार किया। औरंगज़ेब ने कई युद्धों में भाग लिया और अनेक लड़ाईयाँ जीतीं, लेकिन उन्हें मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ एक महत्वपूर्ण युद्ध में हार का सामना करना पड़ा।
- औरंगज़ेब का शासनकाल इतिहास में मुग़ल साम्राज्य के उतार-चढ़ाव का समय रहा है, और उनके निर्णयों और राजनीतिक नीतियों का अध्ययन भी आज तक किया जा रहा है।
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मुगल साम्राज्य के बारे में कुछ अज्ञात तथ्य क्या हैं?
मुग़ल साम्राज्य भारतीय इतिहास के उन साम्राज्य में से एक था जिसने भारत पर लगभग 300 वर्षो तक शासन किया। मुगलो का शासन 1526 से शुरू व् 1857 को अंत हुआ। भारत में मुग़ल वंश का संस्थापक जहीरुद्दीन मुहमद बाबर था।मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक बाबर थे, जो उजबेकिस्तान से आकर भारत में आए थे। उनका सबसे प्रमुख शत्रु इब्राहीम लोदी था, जिससे हुआ पानीपत का युद्ध। यह युद्ध 1526 में हुआ था, और इसमें बाबर ने अपनी ताकत और युद्ध कुशलता का प्रदर्शन किया।
मुगल साम्राज्य के काल में सबसे शक्तिशाली हिंदू राजा कौन था?
कृष्णदेवराय उस समय के सबसे शक्तिशाली हिंदू सम्राट थे। उनका साम्राज्य उस समय भारतीय महाद्वीप में सबसे बड़ा था, जिसने उत्तर भारत पर मुगल वंश के संस्थापक बाबर को भी प्रभावित किया। कृष्णदेवराय ने अपने शासनकाल में विजयनगर साम्राज्य को एक शक्तिशाली और समृद्धिशाली साम्राज्य बनाया था। उनका साम्राज्य विजयनगर की सजीव और समृद्धि भरी सांस्कृतिक और राजनीतिक विकास की उच्च चरम पर पहुंचाने में सफल रहा। उनकी सतत विजयों और विकास के कारण, उन्हें आधुनिक भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान पर स्थापित किया जाता है।
मुगल वंश में कुल कितने शासक हुए?
मुगल वंश में कुल 19 शासक हुए थे
अंतिम मुगल शासक कौन था?
औरंगज़ेब, मुग़ल इतिहास में सबसे प्रसिद्ध नामों में से एक है।
मुगलों ने भारत कब छोड़ा था?
मुगल साम्राज्य का अंत 21 सितंबर 1857 को हुआ था, जब बहादुर शाह जफर ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के मेजर विलियम हॉडसन के सामने आत्मसमर्पण किया। इस दिन को इतिहास में मुगल शासन के अंत का संकेत माना जाता है। ब्रिटिश साम्राज्य की शुरुआत होती है और इसके साथ ही भारतीय इतिहास का एक नया युग आरंभ होता है। बहादुर शाह जफर के आत्मसमर्पण के बाद, मुगल साम्राज्य का समापन होता है और ब्रिटिश राज का आरंभ होता है, जिसने भारत के इतिहास को नए मोड़ पर ले जाया।
भारत के प्राचीन इतिहास से कुछ अद्भुत तथ्य क्या हैं?
भारत में 100 बीसी में स्थान मूल्य प्रणाली और दशमलव प्रणाली का विकास हुआ था। भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास लगभग 5,000-6,000 साल पहले तक जाता है। 1500 ईसा पूर्व, जब वैदिक सभ्यता उभर रही थी, उस समय भारतीय उपमहाद्वीप की समृद्धि और सांस्कृतिक विकास की नींव रखी गई। 700 ईसा पूर्व में विश्व का पहला विश्वविद्यालय, तक्षशिला, स्थापित हुआ, जो शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान करता था। इस समय का इतिहास भारतीय सभ्यता के समृद्धि और उनके विज्ञानिक तथा सांस्कृतिक योगदान की चमकती बूंदें हैं।