राजस्थान के प्रमुख जिलों व् शहरों के उपनाम | Rajasthan Gk | राजस्थान का सामान्य ज्ञान
राजस्थान के प्रमुख जिलों व् शहरों के उपनाम
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1. जयपुर :
- राजस्थान की राजधानी, जहां की सुंदरता को कहा जाता है गुलाबी नगरी।
- इसे पूर्व का पेरिस कहा जाता है, क्योंकि यहां की आर्किटेक्चर और सांस्कृतिक विरासत इसे एक अद्वितीय स्थान बनाती है।
- जयपुर को "आइलैंड ऑफ ग्लोरी" कहा जाता है, जहां की सुंदरता का आभास हर कोने से होता है।
- यह एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसे "राजस्थान की हेरिटेज सिटी" कहा जाता है, जहां का प्राचीन सौंदर्य आज भी चमकता है।
- जयपुर को "रत्न नगरी" कहा जाता है, क्योंकि इसे रत्नों की तरह मूल्यवान और आकर्षक बनाए रखा गया है।
- इसे "पन्ना नगरी" कहा जाता है, क्योंकि यहां के स्थानीय बाजारों में आपको मिल सकती हैं बहुत सी प्राचीन और मूल्यवान पन्ने।
- जयपुर को "हीरे और जवाहरातों का नगर" माना जाता है, जहां की शानदार शृंगार विरासत दुनियाभर से लोगों को खींचती है।
- इसे "रंग श्री दीवप" कहा जाता है, क्योंकि यहां की रंगीन और चमकदार रातें यादगार होती हैं।
2. "श्री गंगानगर" :
- राजस्थान का "अन्न भंडार", जहां की संपूर्णता और अद्वितीयता के कारण इसे एक खास शहर बनाता है।
3. बीकानेर :
- बीकानेर को "उन का घर" कहते हैं।
- रातिघाटी - जब रात बीकानेर की गलियों में अपनी कहानी कहती है, तो वहां का हर कोना "रातिघाटी" कहलाता है।
- बीकानेर राजस्थान का राजकोट, जहां की मिट्टी में छुपी है लूणकरणसर की कहानी।
4. पाली :
- यहां का माहौल है सुखद और शानदार, जिसे हम "खंभों का नगर - रणकपुर" कहते हैं। रणकपुर एक महत्वपूर्ण
- तीर्थ स्थल है जहां श्री जैन तीर्थंकराणी के भगवान पार्श्वनाथ का विशाल और अद्वितीय जिनालय स्थित है। यहां की मार्गदर्शिका खंभों से होती है जो इस नगर को रूपांतरित करते हैं
- पाली को "मारवाड़ का अमृत सरोवर - ज्वाई बांध" कहा जाता है। ज्वाई बांध एक बड़ा सागर है जो पाली में स्थित है और यहां का माहौल एक सुरम्य और शांतिपूर्ण सरोवर के आसपास बसा हुआ है।
- इसे "मारवाड़ का अमृत सरोवर" कहना इस स्थल की शान को और बढ़ा देता है, जहां लोग शांति और सुख का आनंद लेते हैं।
5 . सिरोही :
- सिरोही एक छोटा और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर शहर है, जिसे हम "राजस्थान का शिमला" कहते हैं। यहां का मौसम शीतल और हरित होता है, जिससे इसे राजस्थान की शिमला कहा जाता है।
- सिरोही को "माउंट आबू" कहा जाता है, जो राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। यहां की पहाड़ियाँ और वातावरण इसे राजस्थान का एक शानदार पर्वतीय स्थल बनाते हैं, जहां लोग आनंद लेने के लिए आते हैं।
6. उदयपुर :
- यहां का माहौल झीलों से घिरा हुआ है, जिसे हम "झीलों की नगरी" कहते हैं। उदयपुर को इस उदाहरण से जोड़कर एक सुंदर और शानदार स्थान के रूप में देखा जा सकता है, जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
- उदयपुर को "राजस्थान का कश्मीर" कहा जाता है, क्योंकि इसकी पहाड़ियाँ और झीलें इसे राजस्थान का शानदार पर्वतीय क्षेत्र बनाती हैं, जिसे कश्मीर के साथ तुलना की जाती है।
- इसे "पूर्व का वेनिश" कहा जाता है, क्योंकि यहां की सुंदरता और रोमांटिक स्थल इसे पूर्वी भारत के वेनिस के साथ तुलना करते हैं।
- उदयपुर को "सेलानियों का स्वर्ग" कहा जाता है, क्योंकि इसके भव्य महलों और सुंदर वातावरण के कारण यह एक स्वर्ग सा स्थान है जो आपको सेलानियों की याद दिलाता है।
- उदयपुर को "फाउंटेन और माउंटेन शहर" कहा जाता है, क्योंकि यहां की फाउंटेन और पहाड़ियाँ इसे एक दिलकश और सुंदर शहर बनाती हैं, जो आपको हर कदम पर आनंद देता है।
7. भीलवाडा :
- इसे "वस्त्र सिटी / टेक्स्टाइल सिटी" कहा जाता है। यहां वस्त्र उद्योग से जुड़े व्यापार और उद्यमों का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जो उद्यमिता और रोजगार के लिए एक साकारात्मक स्थान बनाता है।
- इसे "राजस्थान का मैंचेस्टर" कहा जाता है क्योंकि यहां के उद्यमों ने विभिन्न क्षेत्रों में अच्छे प्रदर्शन के लिए पहचान बनाई है।
- इसे "अभ्रक नगरी" कहा जाता है।
8. कोटा :
- राजस्थान का कानपुर: कोटा को अक्सर "राजस्थान का कानपुर" कहा जाता है, क्योंकि यह, उत्तर प्रदेश के कानपुर की तरह, एक औद्योगिक और शिक्षात्मक केंद्र के रूप में विकसित हुआ है।
- औद्योगिक शहर: कोटा को "औद्योगिक नगरी" भी कहा जाता है। जिसमें शहर की विकास और विकास में योगदान करने वाले उद्योगों का मुख्यधारा है।
- शिक्षा केंद्र: कोटा को "शिक्षा नगरी" या "Education City" के रूप में व्यापक रूप से माना जाता है। इस नाम से यह उजागर होता है कि यह एक मुख्य कोचिंग केंद्र है, विशेषकर इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए। छात्र भारत भर से कोटा आते हैं इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए।
- शिक्षा स्थल: शहर को "शिक्षा तीर्थ स्थल" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां कई कोचिंग संस्थान और शैक्षणिक बुनियादें हैं। यह एक ऐसा स्थान है जहां छात्र उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कोचिंग की तलाश में तीर्थयात्रा करने आते हैं।
- वर्तमान नालंदा: कोटा को अक्सर ऐतिहासिक नालंदा के साथ तुलना की जाती है, जो प्राचीन भारत में एक प्रमुख शिक्षा केंद्र था।
- उधानो का नगर: "उधानो का नगर" शब्द विमोचन के साथ उड़ान भरने के सपनों की ओर इशारा कर सकता है।
9. बूंदी :
- दूसरा काशी: बूंदी को "दूसरा काशी" कहा जाता है, क्योंकि यह बहुत ही पवित्र और धार्मिक स्थलों का एक केंद्र है, जिसमें काशी के साथ तुलना की जाती है।
- छोटा काशी: बूंदी को "छोटा काशी" भी कहा जाता है, क्योंकि यह काशी के सामान्यत: छोटा होने के बावजूद एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है।
- बावड़ियों का शहर: बूंदी को "बावड़ियों का शहर" भी कहा जाता है, जिससे यहां की बावड़ियाँ (stepwells) की सैर और खासतर से इनका अद्वितीय शैली मशहूर है।
10. अलवर :
- राजस्थान का सिंह द्वार: अलवर को "राजस्थान का सिंह द्वार" कहा जाता है, क्योंकि इसकी स्थिति राजस्थान के उत्तर-पश्चिम में है, जिसे संस्कृत में "सिंह द्वार" कहा जाता है। यह शहर राजस्थान के प्रवेशद्वार के रूप में महत्वपूर्ण है और इसका नाम स्वभाव से ही ऐसा है।
- राजस्थान का स्काउटलेंड: अलवर को "राजस्थान का स्काउटलेंड" कहा जाता है, क्योंकि यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और ऊँचाईयों का समृद्ध आवास इसे राजस्थान में एक प्रमुख स्काउट और ट्रैकिंग स्थल बनाते हैं।
- गलियों का शहर: जैसलमेर को "गलियों का शहर" कहा जाता है, क्योंकि यहां की सड़कें और गलियां अपनी पुरानी दुनिया और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध हैं।
- राजस्थान की स्वर्ण नगरी: जैसलमेर को "राजस्थान की स्वर्ण नगरी" कहा जाता है, क्योंकि इसकी सुंदर सोने की रंगीनी भूमि और रेगिस्तान में बने एक सौंदर्यपूर्ण किले के लिए इसे प्रमुख पर्यटन स्थल बनाते हैं।
- झारोखों का शहर: जैसलमेर को "झारोखों का शहर" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां के किले और हवेलियां अपनी अनूठी झारोखों के लिए प्रसिद्ध हैं, जो स्थानीय स्थानीय वासियों की जगह हैं।
- रेगिस्तान का गुलाब: जैसलमेर को "रेगिस्तान का गुलाब" भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी तापमान में बदलाव और अद्वितीय रेगिस्तानी सौंदर्यता इसे एक रंगीन गुलाब बनाती है।
- राजस्थान का अंडमान: जैसलमेर को "राजस्थान का अंडमान" कहा जाता है, क्योंकि इसकी रेगिस्तानी वातावरण और तटीय सुंदरता इसे भारत का अंडमान और निकोबार के साथ तुलना में रखती है।
- पंखों का शहर: जैसलमेर को "पंखों का शहर" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां की विशाल हवेलियों और महलों में बने पंखों और छत्तों की डिज़ाइन के लिए इसे मशहूर किया जाता है।
- थार का घड़ा - चन्दन नलकूप: जैसलमेर को "थार का घड़ा" भी कहा जाता है, और इसमें चन्दन नलकूप के लिए स्थित सौंदर्यता को देखते हुए इस उपनाम का प्रयोग किया जाता है।
- राजस्थान का शक्तिस्थल - पोकरण: जैसलमेर को "राजस्थान का शक्तिस्थल " भी कहा जाता है।
12. बाड़मेर :
- राजस्थान का ख्जुराहों - किराडु: बाड़मेर को "राजस्थान का खजुराहों - किराडु" कहा जाता है, क्योंकि इस शहर में स्थित किराडु मंदिर, जो खजुराहों के मंदिरों की तरह अपनी अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध हैं।
- खेराबाद - सिवाना: बाड़मेर को "खेराबाद - सिवाना" कहा जाता है, क्योंकि यहां के सिवाना किले की सुंदरता और इतिहास ने इसे राजस्थान के खेराबाद के रूप में मशहूर किया है।
13. राजसमंद :
- राजस्थान की थर्मोपोल्ली - हल्दी घाटी: राजसमंद को "राजस्थान की थर्मोपोल्ली - हल्दी घाटी" कहा जाता है, क्योंकि इस शहर के आस-पास हल्दी घाटी क्षेत्र स्थित है जो राजस्थान की थर्मल पॉल के रूप में प्रसिद्ध है।
- मेवाड़ का मेराथन - दिवेर: राजसमंद को "मेवाड़ा का मेराथन - दिवेर" कहा जाता है, क्योंकि इस शहर में स्थित दिवेर किला मेवाड़ के इतिहास की शानदार कहानी सुनाता है और इसे प्रमुख पर्यटन स्थल बनाता है।
14. नागोर :
- धातु नगरी: नागोर को "धातु नगरी" कहा जाता है, क्योंकि यहां के लोहे के किले और हवेलियां इसे धातुओं की अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध बनाती हैं।
- हाथ करघो का शहर: नागोर को "हाथ करघो का शहर" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां के हाथी करघों की प्रमुखता और उनके संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है।
- पशु मेलो का शहर: नागोर को "पशु मेलो का शहर" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां वार्षिक पशु मेला एक बड़ा और प्रसिद्ध आयोजन है। इस मेले में गाय, ऊँट, कछुआ, और अन्य पशुओं की बाजारी और प्रदर्शनी होती है, जो वहां की आदिवासी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
15. झुंझनु :
- राजस्थान की ताम्र नगरी: झुंझनू को "राजस्थान की ताम्र नगरी" कहा जाता है, क्योंकि यहां तांबे के उत्पादन और उद्योग के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता का कारण है। झुंझनू के पास तांबे की खानें हैं जो इसे राजस्थान की तांबा नगरी बनाती हैं।
- राजस्थान का तांबा जिला: झुंझनू को "राजस्थान का तांबा जिला" भी कहा जाता है, क्योंकि यह राजस्थान का मुख्य तांबा उत्पादन क्षेत्र है। यहां के खानों से निकलने वाला तांबा राजस्थान की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
16. धोल्पुर :
- रेड डाइमण्ड: धौलपुर को "रेड डाइमण्ड" कहा जाता है, क्योंकि यहां के सुंदर लाल पत्थरों ने इसे एक रेड डाइमण्ड बना दिया है।
- सूर्योदय वाला जिला: धौलपुर को "सूर्योदय वाला जिला" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां का सूर्योदय एक अद्वितीय सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृश्य है। सुबह का समय धौलपुर को एक खासतरीन रूप में रौंगत देता है, जिससे इसे सूर्योदय वाला जिला कहा जाता है।
- पूर्वी राजस्थान का प्रवेश द्वार: धौलपुर को "पूर्वी राजस्थान का प्रवेश द्वार" कहा जाता है, क्योंकि यह राजस्थान के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसे प्रवेश द्वार के रूप में महत्वपूर्णता प्राप्त है।
- वराह नगर: बारां को "वराह नगर" कहा जाता है, क्योंकि यहां स्थित वराह जी मंदिर ने इसे एक प्रमुख धार्मिक स्थल बनाया है। वराह जी मंदिर में स्थित विशाल वराह मूर्ति ने बारां को एक आध्यात्मिक और पौराणिक नगर बना दिया है।
- राजस्थान मिनी खजुराहों - भंडेवारा: बारां को "राजस्थान मिनी खजुराहों - भंडेवारा" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां के मंदिरों की विशेष शैली ने इसे राजस्थान के खजुराहों के रूप में मशहूर किया है। भंडेवारा के मंदिर अपने वास्तुकला, सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं।
18. जोधपुर :
- सूर्य नगरी: जोधपुर को "सूर्य नगरी" कहा जाता है, क्योंकि यहां के महाराजा सूर्यवंशी राजपूतों के निवास थे। शहर में स्थित उमेड़ भवन और मेहरांगढ़ किला ने इसे एक सूर्यप्रकाशी नगर बना दिया है।
- मरूस्थल का प्रवेश द्वार: जोधपुर को "मरूस्थल का प्रवेश द्वार" कहा जाता है, क्योंकि यह राजस्थान के मरूस्थल मरुस्थल क्षेत्र का प्रमुख द्वार है। यहां के बावड़ी, रेगिस्तानी वातावरण, और सूखे के लिए प्रसिद्ध है।
- न्यायिक राजधानी: जोधपुर को "न्यायिक राजधानी" कहा जाता है, क्योंकि यहां राजस्थान का उच्चतम न्यायालय स्थित है। शहर न्यायिक प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है और यह राजस्थान की न्यायिक राजधानी के रूप में प्रमुखता प्राप्त करता है।
- हेंडीक्राफ्ट सिटी: जोधपुर को "हेंडीक्राफ्ट सिटी" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां के स्थानीय हस्तशिल्प और हेंडीक्राफ्ट उत्पादों का बड़ा विपणी है।
- राजस्थान का भुवनेश्वर - ओसिया: जोधपुर को "राजस्थान का भुवनेश्वर - ओसिया" कहा जाता है, क्योंकि यहां के ओसिया के मंदिर भारतीय संस्कृति और धरोहर के लिए महत्वपूर्ण हैं।
19. जालोर :
- राजस्थान का पंजाब: जालोर को "राजस्थान का पंजाब" कहा जाता है, क्योंकि इस शहर की स्थिति और वातावरण के कारण यह राजस्थान का पंजाब कहलाता है।
- राजस्थान की ग्रेनाइट सिटी: जालोर को "राजस्थान की ग्रेनाइट सिटी" भी कहा जाता है, क्योंकि यह राजस्थान का मुख्य ग्रेनाइट उत्पादक क्षेत्र है।
20. अजमेर :
- राजस्थान का ह्रदय: अजमेर को "राजस्थान का ह्रदय" कहा जाता है, क्योंकि यह शहर राजस्थान के सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का महत्वपूर्ण केंद्र है।
- राजस्थान का नाका: अजमेर को "राजस्थान का नाका" कहा जाता है, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र और विभिन्न वस्त्रों और आभूषणों के लिए प्रसिद्ध है।
- राजपूताने की कुंजी: अजमेर को "राजपूताने की कुंजी" कहा जाता है, क्योंकि यह एक समर्थन स्थल राजपूत साम्राज्य के लिए था। अजमेर किला और तारागढ़ किला ने इसे राजपूताने की संजीवनी कुंजी के रूप में बना दिया है।
- भारत का मक्का: अजमेर को "भारत का मक्का" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां स्थित अजमेर शरीफ दरगाह भारत में मुस्लिम साधुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
- अंडों की टोकरी: अजमेर को "अंडों की टोकरी" कहा जाता है, क्योंकि यहां स्थित दाना कूण ने इसे अंडों की टोकरी कहलाया है।
- साम्प्रदायिक सोहार्द का शहर: अजमेर को "साम्प्रदायिक सोहार्द का शहर" कहा जाता है, क्योंकि यहां स्थित मंदिर, धरोहर, और धार्मिक स्थलों ने इसे साम्प्रदायिक समर्थन और सोहार्द में अग्रणी बना दिया है।
- जिब्राल्टर – तारागढ़: अजमेर को "जिब्राल्टर - तारागढ़" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां स्थित तारागढ़ ने इसे जिब्राल्टर की तरह अद्वितीय और मशहूर बना दिया है।
- तीर्थों का मामा - तीर्थराज, कोकण तीर्थ, राजस्थान की काशी: अजमेर को "तीर्थों का मामा" कहा जाता है, क्योंकि यहां स्थित ब्रह्मा तालाब, सावित्री तीर्थ, और पुष्कर तीर्थ ने इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बना दिया है। इसके लिए अजमेर को "कोकण तीर्थ" और "राजस्थान की काशी" भी कहा जाता है|
बांसवाड़ा को "सो दिव्पो का शहर" क्यों कहा जाता है?
बांसवाड़ा को "सो दिव्पो का शहर" कहा जाता है क्योंकि यह एक सुंदर और शांतिपूर्ण स्थल है जो सुप्रभात (सो दिव्पो) की भावना से ओतप्रोत है। इसका आधार उस समय है जब सूर्य अपनी पहली किरणों के साथ उगता है और शहर को नए उत्साह और ऊर्जा के साथ नया दिन प्रारंभ होता है।
बांसवाड़ा को "आदिवासियों का शहर" क्यों कहा जाता है?
बांसवाड़ा को "आदिवासियों का शहर" कहा जाता है क्योंकि यह एक स्थान है जहां आदिवासी सांस्कृतिक विविधता और जीवनशैली को समर्थन किया जाता है। यहां के लोग अपनी परंपरागत गाने, नृत्य, और उत्सवों के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखते हैं और इसे एक आदिवासी समृद्धि केंद्र बनाए रखते हैं।
"घंटियों का शहर कहा जाता है?
झालरापान (झालावाड़)
राजस्थान का नागपूर" कहा जाता है?
झालावाड़ को "राजस्थान का नागपूर" कहा जाता है.
डुंगरपुर को "पहाड़ों की नगरी" क्यों कहा जाता है?
डुंगरपुर को "पहाड़ों की नगरी" कहा जाता है क्योंकि यह स्थल पहाड़ों से घिरा हुआ है और इसकी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है।
सीकर को "राजस्थान की हाइटेक सिटी" कहा जाता है, इसका क्या कारण है?
सीकर को "राजस्थान की हाइटेक सिटी" कहा जाता है क्योंकि यह एक उन्नत और तकनीकी रूप से समृद्ध शहर है। यहां के विभिन्न क्षेत्रों में हाइटेक और आधुनिक सुविधाएं, शिक्षा, तकनीकी उन्नति और विभिन्न व्यापारिक गतिविधियाँ हैं, जो इसे राजस्थान की हाइटेक सिटी बनाती है।.