विश्व हीमोफीलिया दिवस 2024: Equitable Access for All: Recognizing All Bleeding Disorders.
विश्व हीमोफीलिया दिवस (World Hemophilia Day)
विश्व हीमोफीलिया दिवस (World Hemophilia Day) हर साल 17 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य हीमोफीलिया और अन्य आनुवांशिक रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया (World Federation of Hemophilia) के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल (Frank Schnabel) के सम्मान में इस दिन को मनाया जाता है।
विश्व हीमोफीलिया दिवस रोगियों और उनके परिवारों के जीवन में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन समाज को रक्तस्राव विकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उचित देखभाल के महत्व को समझाने में मदद करता है।
“Equitable access for all: recognizing all bleeding disorders”
विश्व हीमोफीलिया दिवस 2024 की थीम
विश्व हीमोफीलिया दिवस 2024 (World Hemophilia Day 2024) की थीम है "सभी के लिए समान पहुंच: सभी रक्तस्राव विकारों को पहचानना"। इसका उद्देश्य सभी के लिए उचित निदान, उपचार, और देखभाल की समान पहुंच सुनिश्चित करना है।
World Hemophilia Day 2024 Theme : “Equitable access for all: recognizing all bleeding disorders”
विश्व हीमोफीलिया दिवस का इतिहास
विश्व हीमोफीलिया दिवस (World Hemophilia Day) हर साल 17 अप्रैल को फ्रैंक श्नाबेल (Frank Schnabel) की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। फ्रैंक श्नाबेल वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया (World Federation of Hemophilia) के संस्थापक थे। उन्होंने 1963 में इस अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना की थी। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया 140 देशों में रोगी संगठनों का एक वैश्विक नेटवर्क है और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से आधिकारिक मान्यता प्राप्त है।
इस संगठन का मुख्य उद्देश्य विश्व भर में वंशानुगत रक्तस्राव विकारों वाले लोगों की देखभाल में सुधार करना और उनके नियंत्रण के लिए समाज में जागरूकता बढ़ाना है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के प्रयासों से रोगियों की देखभाल के लिए चिकित्सा अनुसंधान, इलाज के साधनों और निदान में भी सुधार हुआ है।
फ्रैंक श्नाबेल के काम ने हीमोफीलिया और अन्य रक्तस्राव विकारों के प्रति समाज में जागरूकता और समझ को बढ़ाया है, जिससे रोगियों को उचित चिकित्सा सुविधाएं और देखभाल मिल सकी है। विश्व हीमोफीलिया दिवस इन प्रयासों को सम्मानित करने का और इन रोगों से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
“Equitable access for all: recognizing all bleeding disorders”
विश्व हीमोफीलिया दिवस का महत्त्व
- इस दिन का उद्देश्य हीमोफीलिया और अन्य रक्तस्राव विकारों के बारे में समाज में जागरूकता बढ़ाना है।
- इस दिन से रोगियों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए नीति-निर्माताओं और समाज के हितधारकों को शामिल किया जा सकता है।
- सभी व्यक्तियों के लिए रक्तस्राव विकारों के निदान, उपचार, और देखभाल में समान पहुंच को सुनिश्चित करना।
“Equitable access for all: recognizing all bleeding disorders”
हीमोफीलिया के बारे में
- हीमोफीलिया एक आनुवंशिक रोग (Hemophilia Genetic Disorder) है जिसमें रक्त का थक्का बनने में कठिनाई होती है, जिसके कारण चोट लगने पर गंभीर रक्तस्राव का कारण बन सकती है।
- हीमोफीलिया एक लिंग सहलग्न लक्षण (Sex Linked Traits) है।
हीमोफीलिया के प्रकार:
1. हीमोफीलिया A: इसमें 'फैक्टर 8' की कमी होती है।
2. हीमोफीलिया B: इसमें 'फैक्टर 9' की कमी होती है।
हीमोफीलिया के लक्षण:
- गंभीर चोटों के बाद रक्त का बहना।
- मांसपेशियों और जोड़ों में रक्तस्राव।
- बिना स्पष्ट कारण के अचानक रक्तस्राव।
- सर्जरी के बाद लंबे समय तक रक्तस्राव।
Source By : World Federation of Hemophilia (WFH) |
“Equitable access for all: recognizing all bleeding disorders”
विश्व हीमोफीलिया दिवस के पिछले थीम
- 2024 : "सभी के लिए समान पहुंच: सभी रक्तस्राव विकारों को पहचानना"
- 2023 : "सभी के लिए पहुंच: देखभाल के वैश्विक मानक के रूप में रक्तस्राव की रोकथाम"।
- 2022 : "सभी के लिए पहुंच: साझेदारी। नीति। प्रगति।"
- 2021 : "परिवर्तन को अपनाना, एक नई दुनिया में देखभाल बनाए रखना"।
- 2020 : "शामिल हों"।
- 2018 : "ज्ञान साझा करना हमें मजबूत बनाता है"।
इन पिछले थीमों ने रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, समावेशिता, और उपचार की पहुंच जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
विश्व हीमोफीलिया दिवस रोगियों और उनके परिवारों के जीवन में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन समाज को रक्तस्राव विकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उचित देखभाल के महत्व को समझाने में मदद करता है।
"विश्व हीमोफीलिया दिवस पर जानें हीमोफीलिया और आनुवांशिक रक्तस्राव विकारों के बारे में, और जागरूकता बढ़ाने के लिए इस विशेष दिन का महत्व।"