"Article 200 of Indian Constitution: अनुच्छेद 200 (भारत का संविधान).

 Article 200 of the Indian Constitution 

भारत के संविधान में अनुच्छेद 200 (Article 200) को भाग 6 में रखा जाता है। भारत के संविधान में अनुच्छेद 200 का मुख्य उदेश्य  " विधेयकों पर सहमति (Bills Reserved for Consideration)" है।  अनुच्छेद 200 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो विधेयकों की महत्वपूर्णता और पारित की प्रक्रिया को स्पष्ट करता है। 

Indian Constitution, Article 200, reserved bills, reconsideration, Governor, President, constitutional processes,article 200,article 200 of indian constitution,article 200 in hindi,article 200 and 201 in hindi,article 200 and 201 of indian constitution,article 200 upsc,article 200 of indian constitution upsc

अनुच्छेद 200 के मुख्य प्रावधान (Key provisions of Article 200):

जब कोई विधेयक एक राज्य की विधान सभा या विधान परिषद द्वारा पारित किया जाता है, तो इसे उस राज्य के राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। राज्यपाल को विधेयक पर सहमति देने या रोकने का अधिकार होता है। यदि वह सहमति देते हैं, तो विधेयक को राज्यपाल के सहमति के साथ पारित किया जाता है। राज्यपाल को यह अधिकार होता है कि वह विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रख सकते हैं, जिससे कि राष्ट्रपति के निर्णय के बाद विधेयक को पारित किया जा सके। 

भारत का संविधान (Constitution of India)

भारत का संविधान (Constitution of India)

शीर्षक भारत का संविधान
भाग भाग 6
पूर्ववर्तीती अनुच्छेद अनुच्छेद 199 (भारत का संविधान)
उत्तरवर्ती अनुच्छेद अनुच्छेद 201 (भारत का संविधान)
रचनाकार भारतीय संविधान सभा
देश भारत
भाषा हिंदी
श्रेणी भारतीय संविधान
प्रकाशित तिथि 1949
राज्यपाल एक विधेयक को सहमति देने के बाद भी उसे वापस भेज सकते हैं। यह स्थिति हो सकती है यदि विधेयक के विषय में अन्य विचारों की आवश्यकता हो या यदि यह विधेयक वित्तीय विधेयक न हो। राज्यपाल को विधेयक पर अपनी सहमति नहीं देने का भी अधिकार है। इस स्थिति में, विधेयक को राज्यपाल के विचार के लिए आरक्षित रखा जाता है और राष्ट्रपति को प्रस्तावित विधेयक के बारे में जानकारी दी जाती है।

यदि राज्यपाल को लगता है कि कोई विधेयक जिसे उन्होंने स्वीकृति दी है, अविधेयक हो सकता है और यह राष्ट्रपति की योग्यता को अतिक्रमित कर सकता है, तो वह उच्च न्यायालय की शक्तियों से यह विधेयक रद्द करवा सकते हैं।

अनुच्छेद 200 का मूल पाठ 

When a Bill has been passed by the Legislative Assembly of a State or, in the case of a State having a Legislative Council, has been passed by both Houses of the Legislature of the State, it shall be presented to the Governor and the Governor shall declare either that he assents to the Bill or that he withholds assent therefrom or that he reserves the Bill for the consideration of the President .

भारत के संविधान बारे में अधिक जानकारी :-

Source By : Indian Constitution